पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
1 कुरिन्थियों
1. {#1मनुष्यों का अनुसरण उचित नहीं } [PS]हे भाइयों, मैं तुम से इस रीति से बातें न कर सका, जैसे आत्मिक लोगों से परन्तु जैसे शारीरिक लोगों से, और उनसे जो मसीह में बालक हैं।
2. मैंने तुम्हें दूध पिलाया*, अन्न न खिलाया; क्योंकि तुम उसको न खा सकते थे; वरन् अब तक भी नहीं खा सकते हो, [PE]
3. [PS]क्योंकि अब तक शारीरिक हो। इसलिए, कि जब तुम में ईर्ष्या और झगड़ा है, तो क्या तुम शारीरिक नहीं? और मनुष्य की रीति पर नहीं चलते?
4. इसलिए कि जब एक कहता है, “मैं पौलुस का हूँ,” और दूसरा, “मैं अपुल्लोस का हूँ,” तो क्या तुम मनुष्य नहीं? [PE]
5. {परमेश्‍वर के दासों की भूमिका }
6. [PS]अपुल्लोस कौन है? और पौलुस कौन है? केवल सेवक, जिनके द्वारा तुम लोगों ने विश्वास किया, जैसा हर एक को प्रभु ने दिया। [PE][PS]मैंने लगाया, अपुल्लोस ने सींचा, परन्तु परमेश्‍वर ने बढ़ाया।
7. इसलिए न तो लगानेवाला कुछ है, और न सींचनेवाला, परन्तु परमेश्‍वर जो बढ़ानेवाला है। [PE]
8. [PS]लगानेवाला और सींचनेवाला दोनों एक हैं; परन्तु हर एक व्यक्ति अपने ही परिश्रम के अनुसार अपनी ही मजदूरी पाएगा।
9. क्योंकि हम परमेश्‍वर के सहकर्मी हैं; तुम परमेश्‍वर की खेती और परमेश्‍वर के भवन हो।
10. परमेश्‍वर के उस अनुग्रह के अनुसार, जो मुझे दिया गया, मैंने बुद्धिमान राजमिस्त्री के समान नींव डाली, और दूसरा उस पर रद्दा रखता है। परन्तु हर एक मनुष्य चौकस रहे, कि वह उस पर कैसा रद्दा रखता है।
11. क्योंकि उस नींव को छोड़ जो पड़ी है, और वह यीशु मसीह है, कोई दूसरी नींव नहीं डाल सकता। (यशा. 28:16) [PE]
12. [PS]और यदि कोई इस नींव पर सोना या चाँदी या बहुमूल्य पत्थर या काठ या घास या फूस का रद्दा रखे,
13. तो हर एक का काम प्रगट हो जाएगा; क्योंकि वह दिन उसे बताएगा; इसलिए कि आग के साथ प्रगट होगा और वह आग हर एक का काम परखेगी कि कैसा है। [PE]
14. [PS]जिसका काम उस पर बना हुआ स्थिर रहेगा, वह मजदूरी पाएगा।
15. और यदि किसी का काम जल जाएगा, तो वह हानि उठाएगा; पर वह आप बच जाएगा परन्तु जलते-जलते। [PE]
16. [PS]क्या तुम नहीं जानते, कि तुम परमेश्‍वर का मन्दिर हो, और परमेश्‍वर का आत्मा तुम में वास करता है?
17. यदि कोई परमेश्‍वर के मन्दिर को नाश करेगा तो परमेश्‍वर उसे नाश करेगा; क्योंकि परमेश्‍वर का मन्दिर पवित्र है, और वह तुम हो। [PE]
18. {#1सांसारिक ज्ञान से बचो } [PS]कोई अपने आप को धोखा न दे। यदि तुम में से कोई इस संसार में अपने आप को ज्ञानी समझे, तो मूर्ख बने कि ज्ञानी हो जाए।
19. क्योंकि इस संसार का ज्ञान परमेश्‍वर के निकट मूर्खता है, जैसा लिखा है, [PE][QS]“वह ज्ञानियों को उनकी चतुराई में फँसा देता है,” (अय्यू. 5:13) [QE]
20. [MS] और फिर, “प्रभु ज्ञानियों के विचारों को जानता है, कि व्यर्थ हैं।” (भज. 94:11) [ME]
21. [PS]इसलिए मनुष्यों पर कोई घमण्ड न करे, क्योंकि सब कुछ तुम्हारा है।
22. क्या पौलुस, क्या अपुल्लोस, क्या कैफा, क्या जगत, क्या जीवन, क्या मरण, क्या वर्तमान, क्या भविष्य, सब कुछ तुम्हारा है,
23. और तुम मसीह के हो, और मसीह परमेश्‍वर का है। [PE]
Total 16 अध्याय, Selected अध्याय 3 / 16
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11
मनुष्यों का अनुसरण उचित नहीं 1 हे भाइयों, मैं तुम से इस रीति से बातें न कर सका, जैसे आत्मिक लोगों से परन्तु जैसे शारीरिक लोगों से, और उनसे जो मसीह में बालक हैं। 2 मैंने तुम्हें दूध पिलाया*, अन्न न खिलाया; क्योंकि तुम उसको न खा सकते थे; वरन् अब तक भी नहीं खा सकते हो, 3 क्योंकि अब तक शारीरिक हो। इसलिए, कि जब तुम में ईर्ष्या और झगड़ा है, तो क्या तुम शारीरिक नहीं? और मनुष्य की रीति पर नहीं चलते? 4 इसलिए कि जब एक कहता है, “मैं पौलुस का हूँ,” और दूसरा, “मैं अपुल्लोस का हूँ,” तो क्या तुम मनुष्य नहीं? 5 {परमेश्‍वर के दासों की भूमिका } 6 अपुल्लोस कौन है? और पौलुस कौन है? केवल सेवक, जिनके द्वारा तुम लोगों ने विश्वास किया, जैसा हर एक को प्रभु ने दिया। मैंने लगाया, अपुल्लोस ने सींचा, परन्तु परमेश्‍वर ने बढ़ाया। 7 इसलिए न तो लगानेवाला कुछ है, और न सींचनेवाला, परन्तु परमेश्‍वर जो बढ़ानेवाला है। 8 लगानेवाला और सींचनेवाला दोनों एक हैं; परन्तु हर एक व्यक्ति अपने ही परिश्रम के अनुसार अपनी ही मजदूरी पाएगा। 9 क्योंकि हम परमेश्‍वर के सहकर्मी हैं; तुम परमेश्‍वर की खेती और परमेश्‍वर के भवन हो। 10 परमेश्‍वर के उस अनुग्रह के अनुसार, जो मुझे दिया गया, मैंने बुद्धिमान राजमिस्त्री के समान नींव डाली, और दूसरा उस पर रद्दा रखता है। परन्तु हर एक मनुष्य चौकस रहे, कि वह उस पर कैसा रद्दा रखता है। 11 क्योंकि उस नींव को छोड़ जो पड़ी है, और वह यीशु मसीह है, कोई दूसरी नींव नहीं डाल सकता। (यशा. 28:16) 12 और यदि कोई इस नींव पर सोना या चाँदी या बहुमूल्य पत्थर या काठ या घास या फूस का रद्दा रखे, 13 तो हर एक का काम प्रगट हो जाएगा; क्योंकि वह दिन उसे बताएगा; इसलिए कि आग के साथ प्रगट होगा और वह आग हर एक का काम परखेगी कि कैसा है। 14 जिसका काम उस पर बना हुआ स्थिर रहेगा, वह मजदूरी पाएगा। 15 और यदि किसी का काम जल जाएगा, तो वह हानि उठाएगा; पर वह आप बच जाएगा परन्तु जलते-जलते। 16 क्या तुम नहीं जानते, कि तुम परमेश्‍वर का मन्दिर हो, और परमेश्‍वर का आत्मा तुम में वास करता है? 17 यदि कोई परमेश्‍वर के मन्दिर को नाश करेगा तो परमेश्‍वर उसे नाश करेगा; क्योंकि परमेश्‍वर का मन्दिर पवित्र है, और वह तुम हो। सांसारिक ज्ञान से बचो 18 कोई अपने आप को धोखा न दे। यदि तुम में से कोई इस संसार में अपने आप को ज्ञानी समझे, तो मूर्ख बने कि ज्ञानी हो जाए। 19 क्योंकि इस संसार का ज्ञान परमेश्‍वर के निकट मूर्खता है, जैसा लिखा है, “वह ज्ञानियों को उनकी चतुराई में फँसा देता है,” (अय्यू. 5:13) 20 और फिर, “प्रभु ज्ञानियों के विचारों को जानता है, कि व्यर्थ हैं।” (भज. 94:11) 21 इसलिए मनुष्यों पर कोई घमण्ड न करे, क्योंकि सब कुछ तुम्हारा है। 22 क्या पौलुस, क्या अपुल्लोस, क्या कैफा, क्या जगत, क्या जीवन, क्या मरण, क्या वर्तमान, क्या भविष्य, सब कुछ तुम्हारा है, 23 और तुम मसीह के हो, और मसीह परमेश्‍वर का है।
Total 16 अध्याय, Selected अध्याय 3 / 16
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11
×

Alert

×

Hindi Letters Keypad References